शनिवार, 17 अप्रैल 2010

संस्कृत-सूक्त

~~~~शांति-पाठ:~~~~
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ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्वि नावधीतमस्तु ।
मा विद्विषावहै ।


ॐ शांति: ! शांति: !! शान्ति: !!!
अर्थ : वह (परमात्मा) हम दोनों (आचार्य एवं शिष्य) की साथ-साथ रक्षा करे । हम दोनों का साथ-साथ ही पालन करे । हम साथ-साथ विद्याप्राप्ति में सामर्थ्यवान हों । हमारा अध्ययन तेजयुक्त हो । हम द्वेषरहित हों ।
त्रिविध (भौतिक, दैविक एवं आध्यात्मिक) ताप का शमन हो ।

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